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कह न पाऊंगा, कितनी मोहब्बत है तुझसे, बस इतना समझ लेना,- शैलेश

शब्दों का कोई विशेष ज्ञान तो प्राप्त नहीं हैं,लेकिन एक कोशिश किया हूं।
पढ़कर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त किजिएगा कैसी लगी मेरी कविता।
#वेलेंटाइन_डे_स्पेशल 

कह न पाऊंगा, कितनी मोहब्बत है तुझसे,
बस इतना समझ लेना, 
अधूरा हूं तुम बिन।
सांसें तो चलती है, फिर भी जीवन अधूरा है तुम बिन।

कृष्ण की राधा से मोहब्बत थी जितनी, उतनी मोहब्बत है तुझसे।
चाहकर भी तुझे भूल न सकूं,
उतनी मोहब्बत है तुझसे।

हर पल तेरा छाया बनकर रहूं, 
तेरे दुःख दर्द को अपना बना लूं
उतनी मोहब्बत है तुझसे।

तेरी हर ख्वाहिश मेरी हो,
तु सपने देखें,पुरा मैं करू
उतनी मोहब्बत है तुझसे।

तु सदा खुश रहें, 
मैं चुप छुपके देखूं।
उतनी मोहब्बत है तुझसे।

तेरे सामने आ जाने से दिल धङक जाय,
उतनी मोहब्बत है तुझसे।
तेरे यादों के सहारे जिंदगी जी लूंगा,
उतनी मोहब्बत है तुझसे।

तुझसे दूर होके,तेरे करीब रहूं
उतनी मोहब्बत है तुझसे।
 फिर भी कह न पाऊंगा कितनी मोहब्बत है,
बस इतना समझ लेना अधूरा हूं तुम बिन।।

कविता-शैलेश

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